एक बार की बात है| गढ़वाल में वृक्षों की सहायता के लिए पर्वत पुत्रियों एवं हिमालय के पुत्रों ने वृक्षों से चिपककर उनकी रक्षा का व्यापक आंदोलन किया था| वेदों में संदेश दिया गया था कि हरे पत्तों- केशों वाले प्राणियों के रक्षक वृक्ष नमस्कार के योग्य हैं| (वृक्षेभ्य! हरिकेशभ्यः नमः)…

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अनुपम बलिदान | किसी भी प्राणी का बलिदान खाली नहीं जाता है | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral