एक बार की बात है एक उत्साही युवक रामकृष्ण परमहंस की सेवा में गया| वह रामकृष्ण परमहंस के कदमों में झुक गया| उसने भक्तिभाव से परमहंस से प्रार्थना की, “महात्मन्! मुझे अपना चेला बना लो| मुझे गुरुमंत्र की दीक्षा दीजिए|” परमहंस मुस्कुरा उठे| उन्होंने पूछा- “हे नवयुवक! तुम्हारे परिवार में कौन-कौन हैं? क्या तुम अकेले हो?”…

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सच्ची मुक्ति का मार्ग | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral