एक मूर्तिकार था| उसने अपनी कला अपने बेटे को भी सिखाई| पिता-पुत्र दोनों शहर जाते और मूर्तियाँ बेचते| पिता को अपनी मूर्ति के डेढ़ रुपये मिलते, जबकि बेटे को मात्र पचास पैसे| शहर से लौटकर पिता अपने बेटे को उसकी त्रुटियाँ बताता और पुत्र निरंतर अपनी कला में सुधार लाने का प्रयत्न करता|…

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कलाकार की कला | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral