एक साधु था| चलते-चलते वह एक शहर के पास पहुँचा तो शहर का दरवाजा बन्द हो गया| रात हो गयी थी| वह साधु दरवाजे के बाहर ही सो गया| दैवयोग से उस दिन उस शहर के राजा का शरीर शान्त हो गया था| उसका कोई बेटा नहीं था| राज्य पाने के लिये कुटुम्बी लड़ने लगे| एक कहता कि मेरा हक लगता है, दूसरा कहता कि मेरा हक लगता है|…

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जब साधु राजा बना | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral