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सम्मान वीरता का

पहले विश्व-महायुद्ध के दिनों की बात है| लंबी लड़ाई से इंग्लैंड की जनता क्लांत हो चुकी थी| थकी हुई जानता वर्षों से जूझते देश के सिपाहियों ने नए उत्साह की प्रेरणा देने के लिए इंग्लैं...

मुट्ठी भर पीली सरसों के दाने | महात्मा बुद्ध

महात्मा बुद्ध संसार में व्याप्त प्राणियों की पीड़ा और क्षणभंगुर संसार पर, बिहार के एक नगर श्रावस्ती की एक सभा में भाषण दे रहे थे| उसी समय सभा के एक कोने से रोने की आवाज आई, एक विधव...

सच्ची जनसेवा | मौर्य साम्राज्य में उस घटना के बाद कोई चोर नहीं रह गया

एक दिन एक महात्मा मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त के प्रधानमंत्री आचार्य चाणक्य (या विष्णुगुप्त) के घर पधारे| भोजन की बेला थी| अतिथि से आचार्य ने निवेदन किया कि वह उनके साथ भोजन करें| महा...

जनता जनार्दन की सेवा | लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

बार की घटना है| भारत में अंग्रेजी राज्य के यशस्वी लेखक एवं राष्ट्रीय नेता श्री सुंदरलाल जी एक बार पूना गए| यह श्रीमद्भगवद्गीता की कर्मयोग की व्याख्या करने वाले भारतीय चिंतक एवं राष...

स्वार्थ त्याग | प्रत्येक मनुष्य में त्याग की भावना होनी चाहिए

बहुत पुरानी बात है| उन दिनों इंग्लैंड और स्पेन के मध्य लड़ाई चल रही थी| लड़ाई के मोर्चे पर अंग्रेजों का एक वीर योद्धा सर किल्पि सिडनी घायल होकर गिर गया| उस समय वह कई भीषण चोटों और ...

अदम्य इच्छाशक्ति | वीतराग स्वामी सर्वदानन्द जी

एक बार की बात है| वीतराग स्वामी सर्वदानन्द जी बिहार के छपरा स्थान पर पहुँचे| उन्होंने देखा कि एक मंदिर के पुजारी बड़े प्रेम से हवन करा रहा था| स्वामी जी ने उससे पूछा- “तुम मूर्तिपू...

स्वाभिमान | मुंशी प्रेमचन्द | हर इंसान को स्वाभिमान के साथ ही जीना चाहिए|

यह घटना आजादी के पूर्व की है| मुंशी प्रेमचन्द हिंदी के सर्वश्रेष्ठ कथाकार एवं उपन्यास-लेखक ने जीवन की शुरुआत अध्यापन कार्य से की थी, बाद में वे स्कूलों के इंस्पेक्टर बन गए थे| यह घ...

लोटे की चमक

एक समय की घटना है| श्री रामकृष्ण परमहंस रोज बहुत लगन से अपना लोटा राख या मिट्टी से मांजकर खूब चमकाते थे| परमहंस का लोटा खूब चमकता था| उनके एक शिष्य को श्री रामकृष्ण द्वारा प्रतिदिन...

बाधाओं से हार न मानो 🏏 भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी चंद्रशेखर

यदि आपका मन स्वस्थ है, शक्तिशाली है तो आप अपनी शारीरिक अक्षमता के होते हुए भी कमाल कर सकते हैं| भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी चंद्रशेखर का हाथ पोलियों से पीड़ित हो गया| उसने अपनी हाथ के अ...

भाईचारा – महाभारत का प्रसंग

महाभारत का प्रसंग है| जुए में हारने के बाद पाँच पांडव बारह वर्ष के वनवास के दिन वनों एवं पर्वतों में व्यतीत कर रहे थे| एक समय वे द्वैतवन के समीप ब्रहामणों के साथ निवास कर रहे थे कि...