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दानशीलता | श्री कृष्ण और अर्जुन दोनों भिक्षुओं के भेष में

श्री कृष्ण और अर्जुन बचपन के मित्र थे| एक बार दानियों की चर्चा हो रही थी| श्रीकृष्ण जी ने वार्तालाप के प्रसंग में कहा- “इस युग में कर्ण जैसा दूसरा दानी नहीं|” अर्जुन अपने बड़े भाई ...

राष्ट्र का सम्मान | यह कैसा देश है, जहाँ खाने के लिए फल खरीदना चाहे तो मिलते नहीं?

एक बार की बात है| जापान में भारत के प्रसिद्ध तत्वचिंतक स्वामी रामतीर्थ रेल-यात्रा कर रहे थे| वह रेलवे स्टेशन पर उतरे, प्लेटफार्म पर चक्कर लगा आए| पर उनकी मनचाही चीज नहीं मिली| बहुत...

अंहकार | महाविद्वान कवि कालिदास | अहंकारी मनुष्य को एक दिन नीचा देखन ही पड़ता है

प्राचीन समय की बात है| महाविद्वान कवि कालिदास को अपनी विद्वता पर अहंकार हो गया| उन्होंने बहुत से अवसरों पर उसका प्रदर्शन भी किया| इस पर उन्हें उनके एक समकालीन कवि ने चेतावनी दी कि ...

धर्म की दुहाई | महाभारत का युद्ध

महाभारत का युद्ध अट्ठारह दिन चला था| पहले दस दिन तक कौरव-दल के प्रधान सेनापति भीष्म थे| भीष्म के घायल होने पर कौरव-दल के मुख्य सेनापति द्रोणा हुए| द्रोणा के भी मारे जाने पर कर्ण कौ...

असली दाता कौन | मुगलकाल की एक घटना

यह घटना मुगलकाल की है| रहीम खानखाना एक अच्छे योद्धा, हिंदी-प्रेमी और सबसे अधिक वह एक दानी व्यक्ति थे| उनका नियम था कि वह हर दिन गरीबों या याजकों को दान देते थे| उनका दूसरा नियम था ...

एकाग्रता – भावार्थ रामायण – एकनाथ गुरु

महाराज एकनाथ महाराष्ट्र के एक महान् संत थे| वे गोस्वामी तुलसीदास के समकालीन एक ग्रहस्थ संत थे; मराठी साहित्य का उन्हें प्राण कहा जाता था| उन्होंने ‘भागवत् एकादश स्कंध,- ‘भावार्थ रा...

तोते का विधाध्ययन

एक समय की बात है| एक जंगल में एक तोता था| वह गा सकता था, परंतु वह अज्ञानी था- शास्त्रों से पूरी तरह अनभिज्ञ| उसे उड़ने-गाने में आनन्द आता था| शिष्टाचार और संसार की रीति-नीति से वह ...

सच्चे ऋषि की खोज

एक बार की बात है| एक राजा थे| उनका नाम जानश्रुति था| उनकी तीन पीढ़ियाँ जीवित थी| वह विख्यात ज्ञानी थे| उन्होंने यात्रियों के ठहरने के लिए और भोजन के लिए जगह-जगह पर धर्मशालाएँ बनवा ...

डरो मत हिम्मत रखो – स्वामी विवेकानंद काशी (वाराणसी) की घटना

एक बार की बात है| काशी (वाराणसी) की घटना है| एक बार स्वामी विवेकानंद काशी की एक तंग गली से गुजर रहे थे कि बंदरों के एक समूह ने उनका सामान छीन लिया| बंदर गुर्रायें तो स्वामी जी घबरा...

निर्भिमानता | मनुष्य को अभिमान को त्यागकर विनम्रता को अपनन चाहिए

एक बार की घटना है| फ्रांस में पहले राजतंत्र शासन था| एक समय वहाँ पर हेनरी चतुर्थ का शासन था| एक बार वह अपने राज्य के अधिकारियों के साथ किसी कार्यक्रम में जा रहे थे| रास्ते में एक भ...