मृतात्मा की सद्गति हेतु पिण्डदानादि श्रद्धा कर्म अत्यन्त आवश्यक हैं| पुन्नामक नरक से पिता को बचाने के कारण ही आत्मज पुत्र कहा जाता है| पुत्र का मुख देखकर पिता पैतृक ऋण से छूट जाता है और पौत्र के स्पर्शमात्र से यमलोक आदि का उल्लंघन कर जाता है|…

Read Full Story 🚀 https://spiritualworld.co.in/hindi-spiritual-and-religious-stories/listen-indian-story-and-hindi-story-in-hindi-audhrwdehik-dan-ka-mahtav/

और्ध्वदेहिक दान का महत्व 🌹💐🌷🌺🌸🥀 | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral