एक सुबह रामदीन अपने वृद्ध पिता को बैलगाड़ी में बिठाकर कहीं ले जा रहा था कि उसका पुत्र बोला, ‘पिताजी, आप दादाजी को कहाँ ले जा रहे है?’ ‘बेटा, शहर ले जा रहा हूँ|’ ‘मैं भी शहर चलूँगा|’ लड़का जिद्द करने लगा| ‘नही बेटा, तू यहीं ठहर, तुझे तेरी माँ अच्छे-अच्छे पकवान देगी|’ रामदीन ने अपने बेटे को समझाते हुए कहा|…

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होनहार पुत्र 👦🏻 | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral