महात्मा बुद्ध संसार में व्याप्त प्राणियों की पीड़ा और क्षणभंगुर संसार पर, बिहार के एक नगर श्रावस्ती की एक सभा में भाषण दे रहे थे| उसी समय सभा के एक कोने से रोने की आवाज आई, एक विधवा ब्राह्मणी अपनी गोद में एक बच्चे को उठाए आई| बालक को महात्मा बुद्ध के चरणों में रखकर बोली- …

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