एक बाबाजी घूमते-फिरते एक शहर में पहुँचे| रात हो गयी थी| सरदी के दिन थे| शहर का दरवाजा बंद हो गा था| बाबाजी को ठण्ड लगी| गरम कपड़ा पास में था नहीं| बाबा जी ने सोने के लिये जगह देखी| एक भड़भूँजे की भट्ठी थी| बाबा जी ने देखा कि यह जगह बढ़िया है| भट्ठी के भीतर थोड़ी-थोड़ी गरमाहट थी| बाबा जी उसके भीतर जाकर सो गये|…

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रात कैसी बीती 😴 | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral