सन्तों की शरण लेने मात्र से इतना हो गया कि जहाँ राबड़ी नहीं मिलती थी, वहाँ मोहनभोग भी गले में अटक रहा है! अगर कोई भगवान् की शरण ले ले तो वह सन्तों का भी आदरणीय हो जाय| लखपति-करोड़पति बनने में सब स्वतन्त्र नहीं हैं, पर भगवान् के शरण होने में, भगवान् का भक्त बनने में सब-के-सब स्वतन्त्र हैं और ऐसा मौका इस मनुष्य जन्म में ही है|…

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सन्तों की शरण 🌹 | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral