दिल्ली में एक विद्वान पंडित रहते थे| उनका दरबार में बहुत सम्मान था| पंडितजी बिना सोचे-समझे किसी काम में हाथ नहीं डालते थे और जो वह कह देते उसका पालन करते| एक बार पंडितजी भोजन कर रहे थे कि उनके भोजन में बाल निकल आया| उन्होंने अपनी पत्नी से कहा – “देखो, आज तो तुम्हारी पहली भूल के लिए माफ करता हूं,…

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सिर के बाल मुंडवा दूंगा | Hindi moral short story | Watch Spiritual story with good moral