किसी के बारे में कोई भला-बुरा कहे या बुराई करे, यह बाबा को बिल्कुल पसंद नहीं था| बाबा सब जान जाते और अवसर पाकर बातों ही बातों में उसे उसके बारे में समझा भी देते| ऐसे ही एक घटना का ...
अनंतराव पाटणकर पूना के रहनेवाले थे| उन्होंने वेद और उपनिषदों का अध्ययन कर लिया था| उनका तत्वज्ञान भी समझ लिया था| लेकिन इतना सब करने के बाद भी उनका मन शांत न था| उनके मन में साईं ब...
एक तहसीलदार (व्ही.एच.ठाकुर) रेवेन्यू विभाग में कार्यरत थे| बहुत पढ़े-लिखे होकर भी उन्हें सत्संग से बहुत लगन थी| इसलिए अपने विभाग के साथ जहां कहीं भी जाते, यदि वहां किसी संत महात्मा...
एक बार की बात है – बाबा के एक भक्त ने बाबा की अनुपस्थिति में अन्य लोगों के सामने एक दोस्त की बात निकलते ही उसे भला-बुरा कहना शुरू कर दिया| उसके शब्द इतने बुरे थे कि उससे सभी को घृण...
बाबा केवल यही चाहते थे कि सबका भला हो| बाबा अपने पास आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सत्य-मार्ग पर चलने के लिए कहते| अच्छाई करने के लिए सबको प्रेरित करते| जो भी व्यक्ति अच्छाई की राह ...
ठीक उसी समय मस्जिद में घंटी बजने लगी| बाबा के भक्त रोजाना दोपहर को बाबा की पूजा और आरती करते थे| यह घंटी दोपहर की पूजा-आरती की सूचक थी| शामा और हेमाडपंत तेजी से मस्जिद की ओर चल पड़...
जिस समय साईं बाबा काका साहब को साठे के बारे में ‘गुरुचरित्र’ का पारायण करने के बारे में बता रहे थे| उस समय मस्जिद में बाबा के भक्त गोविन्द रघुनाथ दामोलकर (हेमाडपंत) तथा अष्ठा साहब ...
एक समय दासगणु महाराज हरिकथा कीर्तन के लिए शिरडी आये थे| उनका कीर्तन होना भक्तों को बहुत आनंद देता था| सफेद धोती, कमीज, ऊपरी जरी का गमछा और सिर पर शानदार पगड़ी पहने और ऊपर से मधुर आ...
हरदा गांव निवासी दत्तोपंत चौदह साल से पेटदर्द की पीड़ा से परेशान थे| उन्होंने हर तरह का इलाज करवाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ| साईं बाबा की प्रसिद्धि की चर्चा सुनकर, वह भी साईं बाबा क...
काका महाजनी साईं बाबा के परम भक्त थे| एक बार उन्हें अतिसार का रोग हो गया| अतिसार रोग में बार-बार दस्त होते हैं| बाबा की सेवा में कोई व्यवधान न पड़े इसलिए वे एक लोटे में पानी भरकर म...