अब तक साईं बाबा का प्रसिद्धि पूना और अहमदनगर तक फैल चुकी थी| दासगणु के मधुर कीर्तन के कारण बाबा का यश कोंकण तक व्याप्त हो चुका था| लोगों को उनका कीर्तन करना बहुत अच्छा लगता था और उ...
नांदेड में रहनेवाले रतनजी शापुरजी वाडिया एक फारसी सज्जन थे| उनका बहुत बड़ा व्यवसाय था| किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी| प्रकृति से वो बहुत धार्मिक थे| अपने दान-धर्म की वजह से वे बहु...
बालागनपत दर्जी शिरडी में रहते थे| वह बाबा के परम भक्त थे| एक बार उन्हें जीर्ण ज्वर हो गया| बुखार की वजह से वह सूखकर कांटा हो गये| बहुत इलाज कराये, पर ज्वर पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ|...
एक बार एक तहसीलदार साईं बाबा के दर्शन करने के लिए शिरडी आये थे| उनके साथ एक डॉक्टर जो उनके मित्र थे, वे भी आये थे| डॉक्टर रामभक्त और जाति से ब्राह्मण थे| वे राम के अतिरिक्त और किसी...
नासिक के रहनेवाले मुले शास्त्री विद्वान थे| साथ में ज्योतिष, वेद, आध्यात्म के भी अच्छे जानकर थे| एक बार वे नागपुर के प्रसिद्ध करोड़पति श्री बापू साहब बूटी से मिलने के लिए शिरडी आये...
नाना साहब निमोणकर और उनकी पत्नी दोनों की साईं बाबा पर अटूट श्रद्धा थी| वे काफी समय से शिरडी में ठहरे हुए थे| बाबा की रोजना पूरे मनोयोग से सेवा करना उन्होंने अपना नियम बना रखा था और...
शिरडी आने वाले लोगों में कई लोग किसी धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते थे| या तो मस्जिद में बैठकर बाबा के सामने पढ़ते या अपने ठहरने की जगह पर बैठकर| कई लोगों का ऐसा रिवाज भी था कि वह अपनी ...
पूना के रहनेवाले गोपाल नारायण अंबेडकर बाबा के अनन्य भक्त थे| वे सरकारी कर्मचारी थे| शुरू में वे जिला ठाणे में नौकरी पर थे, बाद में तरक्की हो जाने पर उनका तबादला ज्वाहर गांव में हो ...
मुम्बई के एक सज्जन थे जिनका नाम थे हरिश्चंद्र पिल्ले| उनके एकमात्र पुत्र को कई वर्ष से मिरगी के दौरे पड़ा करते थे| सभी तरह का इलाज करवाया, पर कोई लाभ न हुआ| आखिर में उन्होंने यह सो...
किसी अन्य गुरु के शिष्य पंत नाम के एक सज्जन कहीं जाने के लिए रेलगाड़ी में बैठे थे| वे शिरडी नहीं आना चाहते थे, पर विधाता के लिखे को कौन टाल सकता है ! जो मनुष्य सोचता है, वह पूरा कभ...